Bihar Board Class 7 Hindi हिमशुक (Himashuk Class 7th Hindi Solutions) Text Book Questions and Answers
14. हिमशुक
(शंकर)
अभ्यास के प्रश्न एवं उत्तर
पाठ से :
प्रश्न 1. अवध नरेश राजकुमारों की परीक्षा क्यों लेना चाहते थे ?
उत्तर – अवध नरेश राजकुमारों की परीक्षा इसलिए लेना चाहते थे, क्योंकि उन तीनों राजकुमारों में किसी एक राजकुमार को राजा अपना उत्तराधिकारी नियुक्त करना चाहता था ।
प्रश्न 2. हिमशुक तो राजा के लिए भेंट लाया था लेकिन वही भेंट उसे महँगी पड़ी, कैसे ?
उत्तर – हिमशुक तो राजा के लिए भेंट लाया था लेकिन वही भेंट उसे इसलिए महँगी पड़ी, क्योंकि साँप ने उस भेंट पर दाँत गड़ा दिए थे। दाँत गड़ाते समय उसके दाँतों. से जहर निकल आया था। उस जहर के कारण फल जहरीला हो गया था । मुख्यमंत्री के कथनानुसार जब फल का एक छोटा-सा टुकड़ा कौए को खिलाया गया तो कौए की मौत हो गई। राजा को लगा कि हिमशुक जहरीला फल खिलाकर मुझे मारना चाहता था, इसलिए राजा ने हिमशुक को मार डाला । हालाँकि हिमशुक इस बात से अनजान था ।
प्रश्न 3. राजा ने अपने तीसरे वेटे को ही युवराज घोषित क्यों किया ?
उत्तर – राजा ने अपने तीसरे बेटे को हो युवराजं इसलिए घोषित किया, क्योंकि जब राजा ने तीनों लड़कों की परीक्षा लेने के लिए बुलाया तो उसने कहा – “अगर मैं अपने जीवन और सम्मान की रक्षा की जिम्मेदारी किसी को सौंप दूँ और वह विश्वासघाती निकले तो उसे क्या सजा दी जानी चाहिए ?”
बड़े लड़के ने कहा–ऐसे व्यक्ति की गरदन धड़ से अलग देनी चाहिए। दूसरे लड़के ने कहा–उसे मृत्युदंड ही मिलना चाहिए, लेकिन छोटे लड़के ने कहा–उसे दंड तो मिलना ही चाहिए, लेकिन दंड देने से पहले यह बात पूरी तरह साबित होनी चाहिए कि वह सचमुच ही दोषी है । इस बात को साबित करने के लिये उसने हिमशुक की कथा सुनाई कि किस प्रकार विदर्भ के राजा को अपनी गलती पर अफसोस करना पड़ा। राजा ने छोटे लड़के की बुद्धिमत्ता पर प्रसन्न होकर उसे अपना उत्तराधिकारी (युवराज) बना दिया ।
प्रश्न 4. निम्नलिखित वाक्यांश किसने किससे कहे :
(क) तुम्हारी माँ भी तुमसे मिलकर इतनी ही प्रसन्न होगी ।
(ख) मैं पन्द्रह दिन वाद वापस आ जाऊँगा ।
(ग) वुद्धिमानी की बात यह होगी कि फल खाने से पहले इसे किसी जानवर को खिलाकर देख लिया जाए ।
(घ) किसी को सजा देने से पहले इस वात का पूरा-पूरा पता लगा लेना जरूरी है कि वह सचमुच अपराधी है या नहीं ।
उत्तर:
(क) हिमशुक के पिता ने हिमशुक से कहा कि तुमसे मिलकर तुम्हारी माँ भी इतनी ही प्रसन्न होगी ।
(ख) हिमशुक ने विदर्भ राजा से कहा- जब वह घर के लिए रवाना हो रहा था ।
(ग) मुख्यमंत्री ने विदर्भ के राजा से कहा कि फल खाने से पहले इसे किसी जानवर को खिलाकर देख लिया जाए ।
(घ) छोटे राजकुमार ने अपने पिता (अवध के राजा) से कहा कि किसी को सजा देने से पहले इस बात का पूरा–पूरा पता लगा लेना चाहिए कि वह सचमुच अपराधी है या नहीं ।
प्रश्न 5. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर में चार–चार विकल्प दिए गए हैं, जिनमें से एक विकल्प सही है । सही विकल्प के सामने का निशान लगाइए ।
(क) हिमशुक एक नाम है :
(i) जानवर का ( )
(ii) आदमी का ( )
(iii) पक्षी का ( )
(iv) जंगल का ( )
(ख) किस देश के राजा के पास अनोखा तोता था ?
(i) अवध ( )
(ii) विदर्भ ( )
(iii) गंधार ( )
(iv) कोसल ( )
(ग) हिमशुक रात में कहाँ ठहरा था ।
(i) पेड़ पर ( )
(ii) पहाड़ पर ( )
(iii) महल की छत पर ( )
(iv) गुंबद पर ( )
(घ) जहरीले फल को राजा ने क्या किया ?
(i) नदी में फेंक दिया ( )
(ii) जलवा दिया ( )
(iii) स्वयं खा गया ( )
(iv) गड्ढे में दबवा दिया ( )
उत्तर — (क)—(iii), (ख)—(ii), (ग)—(i), (घ)—(iv).
पाठ से आगे :
प्रश्न 1. सजा देने से पहले राजा को क्या करना चाहिए ?
उत्तर – किसी भी राजा को किसी व्यक्ति को सजा देनी हो तो राजा को पहले इस बात की जाँच कर लेनी चाहिए कि वह व्यक्ति दोपी है या नहीं। ऐसा नहीं करने पर कभी-कभी राजा को बाद में पछताना पड़ता है, जिस प्रकार विदर्भ के राजा को पछताना पड़ा ।
प्रश्न 2. कल्पना कीजिए कि अमरफल के मृत्युफल में बदलने की सच्चाई का पता राजा के तीसरे बेटे को कैसे चला होगा ?
उत्तर – अमरफल के मृत्युफल में बदलने की सच्चाई का पता राजा के तीसरे बेटे को ऐसे लग गया होगा कि जिस कहानी को उसने पढ़ा या सुना था, उस कहानी में ही स्पष्ट हो गया है कि अमरफल में साँप ने दाँत गड़ दिये थे, जिससे वह विषैला हो गया था । इस प्रकार कहानी से राजा के तीसरे बेटे को अमरफल का विषफल में बदल जाने की सच्चाई का पता चल गया था ।
प्रश्न 3. कल्पना कीजिए कि आप हिमशुक हैं और राजा आप पर वार करने के लिए हाथ उठाता है । तब आप क्या करेंगे?
उत्तर – मैं हिमशुक हूँ और राजा मुझे मारने के लिये हाथ उठाता है । इस दशा में मैं कुछ नहीं कर सकता था, कारण कि राजतंत्र में राजा का निर्णय ही कानून होता है । वहाँ किसी की कोई दलील नहीं चलती । मैं एक सच्चे सेवक की भाँति राजा का वार झेल लेता और मृत्यु को प्राप्त हो जाता ।
चीनी का ठोंगा :
मोहन अपनी पढ़ाई में मशगूल था। तभी माँ ने आवाज लगाई अरे मोहन, जरा बगल की दुकान से आधा किलो चीनी ले आओ। जब चीनी लेकर वापस लौट रहा था, तो उसके दोस्त खेलते मिल गए। चीनी का ठोंगा वहीं पास में रखकर वह खेलने में मग्न हो गया। अचानक उसे ध्यान आया कि माँ ने तो चीनी लाने को कहा था। वह जल्दी से वहाँ गया, जहाँ उसने चीनी रखी थी। लेकिन वह घबड़ा गया। चीनी का ठोंगा नीचे से गीला हो गया था, क्योंकि वहाँ की मिट्टी गीली थी। किसी तरह से वह चीनी लेकर घर पहुँचा। चीनी की हालत देखकर उसकी माँ ने उसे डाँटा । डाँट सुनकर मोहन रूठ गया ।
प्रश्न (क) क्या माँ का मोहन को डाँटना उचित था ?
उत्तर – माँ का मोहन को डाँटना उचित था, क्योंकि उसने अपने दायित्व का निर्वाह सही ढंग से नहीं किया था। एक तो माँ के आदेश का उल्लंघन कर वह खेलने लगा दूसरी बात कि उसकी लापरवाही के कारणी चीनी गीली हो गई थी ।
(ख) क्या मोहन का रूठना उचित था ?
उत्तर – मोहन का रूठना बिल्कुल अनुचित था, क्योंकि उसने अपने कर्तव्य का पालन नहीं किया था। उसे रूठने के बदले अपनी गलती स्वीकार कर लेनी चाहिए थी ।
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