7. THE SLEEPING PORTER
(सोता हुआ कुली)
Laxmi Prasad Devkota
Laxmi Prasad Devkota was born on the 12 November 1909 in Kathmandu. He obtained a Bachelor of Arts degree from the Patna University in 1929. He was a renowned poet and storywriter of his time. In 1948, he presided over the first national poetry festival of Nepal organized by Nepali Sahitya Parishad. Immediately after this poetry festival, he exiled himself to Vanarasi, India, to edit Yugvani (The Voice of the Age), which was a mouthpiece of the Nepali Congress. In Nepal, his house and properties were confiscated by the government.
लक्ष्मी प्रसाद देवकोटा का जन्म 12 नवम्बर 1909 को काठमांडू में हूआ था। उन्होनें 1929 ई0 में पटना विश्वविधालय से बी० ए० की डीग्री प्राप्त की थी। वे अपने समय के ख्यात कवि और कलाकार थे। 1948 में, उन्हें नेपाली साहित्य परिषद् द्वारा आयोजित नेपाल के प्रथम राष्ट्रीय काव्य उत्सव का सभापतित्व किया था। इस काव्य उत्सव के तत्काल बाद युगवाणी का सम्पादन करने बनारस चले आये। कवि नेपाली कांग्रेस के प्रवक्ता थे। नेपाल में सरकार द्वारा उनका घर और सम्पत्ति जब्त कर लिया गया।
THE SLEEPING PORTER
A twenty-five kilo load on his back
spine double bent
a six-mile climb up in the snows of winter
naked bones, skeleton- like frail frame
yet facing an uphill task
he is challenging the mountain.
एक व्यक्ति जो अपने पीठ पर पच्चीस किलो का वजन बड़ा ही सहजता से लिए छ: मील की दूरी तय करता हुआ पहाड़ पर चढ़ रहा था । जबकि ठण्ढ जोरों की थी और उसके शरीर का ऊपरी भाग नंगा था फिर भी वह बहादुरी से यह चुनौतीपूर्ण कार्य कर रहा था।
Class 10 English Poetry Ch 7 The Sleeping Porter
He is wearing a black cap
dirty, sweat-stained
his body is an abode of fleas and lice
his mind very dull
although it emits a sulphur-like sour smell
but what a stout human figure!
वह एक गंदा टोपी पहने हुए है और पूरा शरीर पसीने से धब्बेदार बना है। उसके शरीर में कीड़े और जूँ का बसेरा है । लेकिन उसका मस्तिष्क काफी कमजोर है । यद्यपि उसके शरीर से गंधक जैसा खट्टा गंध निकल रहा है फिर भी उसका शरीर बहुत मजबूत है।
Like a bird
his heart is twittering, panting
he is sweating and out of breath
पक्षी की तरह
उसका सीना धड़क रहा, हाँफ रहा है
वह पसीने से भीगा और बेदम है।
A hut on the cliff
his son shivering with cold
woes of hunger
the mother searching for nettles and vines.
उसका पहाड़ पर एक झोपड़ी है जहाँ अपनी पत्नी और एक बेटे के साथ रहता है। उसक बेटा ठण्ड से काँप रहा है तथा भूख से तड़प रहा है। उसकी माँ भोजन की खोज में चिपचिपा पौधा और अंगूर की लता खोज रही है।
Beneath this hero of the mountain
the proud conqueror of nature
are the snow-clad peaks
above
only the star-studded lid of night.
In this night
the porter is in deep slumber
“reigning over the rich kingdom of sleep.
कवि के अनुसार वह गरीब मजदूर पर्वत का बादशाह है जिसे प्राकृतिक परेशानियों का तनिक भी परवाह नहीं है। उसके झोपड़ी के पास बर्फी से ढँकी चोटियाँ और रात में असंख्य तारे आकाश में दिखते हैं । उस खुले आसमान के नीचे भी गहरी नींद में वह आराम से सों लेता है।
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