4. गुरुत्वाकर्षण
मुक्त पतन— किसी माध्यम के प्रतिरोध की अनुपस्थिति में वस्तुओं के गिरने की गति को मुक्त पतन कहते हैं।
गुरुत्वाकर्षण— दो वस्तुओं के बीच लगने वाले बल को गुरुत्वाकर्षण बल कहते हैं।
गुरुत्व बल— दो वस्तुओं में यदि एक पृथ्वी हो, तो उनके बीच लगने वाले बल के गरुत्व बल कहते हैं।
1798 में सर हेनरी केवेंडिश ने सबसे पहले G का मान निकाला था। G का मान लगभग 6.673 × 10-11Nm2/kg2 होता है।
Gurutvakarshan Class 9th Science Notes
प्रश्न 1. सभी वस्तुओं पर लगने वाला गुरुत्वीय बल उनके द्रव्यमान के समानुपाती होता है। फिर एक भारी वस्तु हल्की वस्तु के मुकाबले तेजी से क्यों नहीं गिरती?
उत्तर: सभी वस्तुएँ पृथ्वी पर एक स्थिर त्वरण से, जिसे गुरुत्वीय त्वरण कहते हैं, गिरती हैं। हवा की अनुपस्थिति में गुरुत्वीय त्वरण का मान स्थिर होता है व वस्तु के द्रव्यमान पर निर्भर नहीं करता। अतः भारी वस्तुएँ हल्की वस्तुओं के मुकाबले तेजी से नहीं गिरती।
प्रश्न 2. पृथ्वी तथा चन्द्रमा एक-दूसरे को गुरुत्वीय बल से आकर्षित करते हैं। क्या पृथ्वी जिस बल से चन्द्रमा को आकर्षित करती है वह बल, उस बल से जिससे चन्द्रमा पृथ्वी को आकर्षित करता है बड़ा है या छोटा है या बराबर है ? बताइए। क्यों ?
उत्तर: गुरुत्वाकर्षण के सार्वत्रिक नियम के अनुसार, दो वस्तुएँ एक-दूसरे को बराबर बल से आकर्षित करती हैं, किन्तु विपरीत दिशाओं में पृथ्वी चन्द्रमा को उतने ही बल से आकर्षित करती है जितने बल से चन्द्रमा पृथ्वी को आकर्षित करता है।
प्रश्न 3. यदि चन्द्रमा पृथ्वी को आकर्षित करता है तो पृथ्वी चन्द्रमा की ओर गति क्यों नहीं करती ?
उत्तर: गति के तीसरे नियम के अनुसार चन्द्रमा भी पृथ्वी को आकर्षित करता है। लेकिन गति के दूसरे नियम के अनुसार, किसी दिए हुए बल के लिए त्वरण वस्तु के द्रव्यमान के व्युत्क्रमानुपाती होता है।
F ∝ ma
a ∝ FM
अत: पृथ्वी का द्रव्यमान चन्द्रमा से बहुत अधिक होने के कारण पृथ्वी का चन्द्रमा की ओर त्वरण बहुत कम या नगण्य होता है। यही कारण है कि पृथ्वी चन्द्रमा की ओर गति नहीं करती।
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प्रश्न 4. गुरुत्वाकर्षण के सार्वत्रिक नियम के क्या महत्व हैं ?
उत्तर: गुरुत्वाकर्षण का सार्वत्रिक नियम अनेक ऐसी परिघटनाओं की सफलतापूर्वक व्याख्या करता है जो असम्बद्ध मानी जाती थीं।
1. हमें पृथ्वी से बाँधे रखने वाला बल;
2. पृथ्वी के चारों ओर चन्द्रमा की गति;
3. सूर्य के चारों ओर ग्रहों की गति; तथा
4. चन्द्रमा तथा सूर्य के कारण ज्वार-भाटा।
प्रश्न 5. मुक्त पतन का त्वरण क्या है ?
उत्तर: जब कोई वस्तु पृथ्वी की ओर गिरती है तो पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण बल के कारण उसके वेग के परिमाण में परिवर्तन होता है। वेग में कोई भी परिवर्तन त्वरण उत्पन्न करता है। जब भी कोई वस्तु पृथ्वी की ओर गिरती है, त्वरण कार्य करता है। इस त्वरण को मुक्त पतन का त्वरण कहते हैं जो पृथ्वी के गुरुत्वीय बल के कारण होता है।
प्रश्न 6. पृथ्वी तथा किसी वस्तु के बीच गुरुत्वीय बल को हम क्या कहेंगे?
उत्तर: पृथ्वी द्वारा किसी वस्तु पर लगाया जाने वाला आकर्षण बल गुरुत्वीय बल कहलाता है। इसको वस्तु का भार कहते हैं।
प्रश्न 7. एक कागज की शीट उसी प्रकार की शीट को मरोड़कर बनाई गई गेंद से धीमी क्यों गिरती है ?
उत्तर: जब एक कागज की शीट को मरोड़कर गेंद बनाई जाती है तो उसका घनत्व बढ़ जाता है। अतः हवा द्वारा उसकी गति पर लगाया गया प्रतिकर्षण कम हो जाता है जिससे वह कागज की शीट की अपेक्षा तेज गति से नीचे गिरती है।
प्रश्न 8. गुरुत्वाकर्षण का सार्वत्रिक नियम लिखिए।
उत्तर: गुरुत्वाकर्षण के सार्वत्रिक नियम के अनुसार, द्रव्यमान M व m के दो पिण्ड जो एक-दूसरे से दूरी d पर स्थित हैं, उनके बीच लगने वाला आकर्षण बल F, उनके द्रव्यमानों के गुणनफल के अनुक्रमानुपाती तथा दोनों पिण्डों के बीच की दूरी (d) के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है। अर्थात,
जहाँ G एक नियतांक है, जिसे गुरुत्वाकर्षण नियतांक कहा जाता है। ब्रह्मांड के सभी कणों के लिए G का मान एक ही होता है, इसलिए इसे सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण नियतांक कहा जाता है।
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प्रश्न 9. पृथ्वी तथा उसके पृष्ठ पर रखी किसी वस्तु के बीच लगने वाले गुरुत्वाकर्षण बल का परिमाण ज्ञात करने का सूत्र लिखिए।
उत्तर: अगर M पृथ्वी का द्रव्यमान है व m उसके पृष्ठ पर रखी किसी वस्तु का, r पृथ्वी की त्रिज्या है तो गुरुत्वाकर्षण के सार्वत्रिक नियम के अनुसार, पृथ्वी व वस्तु के बीच लगने वाला गुरुत्वाकर्षण बल निम्न सूत्र द्वारा व्यक्त होगा –
F = GMm/r2
यहाँ G सार्वत्रिक गुरुत्वीय स्थिरांक है।
G = 6.673 x 10-11 Nm2kg-2
प्रश्न 10. मुक्त पतन से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर: पृथ्वी वस्तुओं को अपनी ओर आकर्षित करती है। पृथ्वी के इस आकर्षण बल को गुरुत्वीय बल कहते हैं। अतः जब वस्तुएँ पृथ्वी की ओर केवल इसी बल के कारण गिरती हैं, हम कहते हैं कि वस्तुएँ मुक्त पतन में हैं।
अर्थात
किसी माध्यम के प्रतिरोध की अनुपस्थिति में वस्तुओं के गिरने की गति को मुक्त पतन कहते हैं।
प्रश्न 11. गुरुत्वीय त्वरण से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर: जब कोई वस्तु पृथ्वी की ओर किसी ऊँचाई से मुक्त पतन करती है तब पृथ्वी के आकर्षण बल के कारण उसके वेग के परिमाण में परिवर्तन होता है। वेग में कोई भी परिवर्तन त्वरण उत्पन्न करता है। जब यह त्वरण पृथ्वी के गुरुत्वीय बल के कारण है इसलिए इस त्वरण को गुरुत्वीय त्वरण कहते हैं। इस g से सूचित करते हैं। (g = 9.8 ms-2)
प्रश्न 12. किसी वस्तु के द्रव्यमान तथा भार में क्या अन्तर है?
उत्तर: द्रव्यमान तथा भार में अन्तर—
प्रश्न 13. किसी वस्तु का चन्द्रमा पर भार पृथ्वी के भार का 1/6 गुना क्यों होता है ?
उत्तर: चन्द्रमा का भार पृथ्वी के 1/100 गुना व त्रिज्या 1/4 गुणा है। चन्द्रमा पर किसी वस्तु का भार वह बल है जिससे चन्द्रमा वस्तु को आकर्षित करता है। चूंकि चन्द्रमा का द्रव्यमान पृथ्वी की अपेक्षा काफी कम है। अतः वह वस्तुओं पर कम आकर्षण बल लगाता है। अतः किसी वस्तु का चन्द्रमा पर भार पृथ्वी के भार का 1/6 गुणा है।
प्रश्न 14. उत्प्लावकता से आप क्या समझते है ?
उत्तर: किसी वस्तु को तरल में डुबोने पर तरल द्वारा उस वस्तु पर ऊपर की तरफ लगने वाला बल उत्प्लावक बल कहलाता है व यह प्रक्रिया उत्प्लावकता कहलाती है।
प्रश्न 15. पानी की सतह पर रखने पर कोई वस्तु क्यों तैरती या डूबती है ?
उत्तर: पानी की सतह पर रखने पर कोई वस्तु तैरती है अगर उसका घनत्व पानी के घनत्व से कम होता है। अगर वस्तु का घनत्व पानी के घनत्व से अधिक होता है तो वस्तु पानी में डूब जाती है।
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