Bihar Board Class 8 Hindi ईदगाह (Idgah Class 8th Hindi Solutions) Text Book Questions and Answers
2. ईदगाह (प्रेमचन्द)
अभ्यास के प्रश्न एवं उत्तर
पाठ से :
प्रश्न 1. ईद के दिन अमीना क्यों उदास थी ?
उत्तर – ईद के दिन अमीना अपनी दीनता, बेसहारापन तथा आर्थिक दुर्दशा के कारण उदास थी । वह सोच रही थी कि अपने अनाथ पोते को इस महान् पर्व के अवसर पर मेले जाने के लिए पैसे कहाँ से देगी, क्योंकि उसके घर में दाना भी नहीं थे ।
प्रश्न 2. हामिद मिठाई या खिलौने के बदले चिमटा पसंद करता है, क्यों ?
उत्तर – हामिद मिठाइयाँ या खिलौने के बदले चिमटा इसलिए पसंद करता है क्योंकि रोटी सेंकते समय दादी की उँगली जल जाती थी। अगर वह चिमटा लेकर दादी को देगा, उसकी उँगली नहीं जलेगी। मिठाई या खिलौने क्षणिक सुख देने वाले हैं। इसीलिए उसने चिमटा ही पसंद किया ।
प्रश्न 3. मेला जाने से पहले हामिद दादी से क्या कहता है ?
उत्तर – मेला जाने से पहले हामिद दादी से कहता है कि अम्मा तुम बिल्कुल डरना नहीं । मैं सबसे पहले मेला देखकर आ जाऊँगा।
प्रश्न 4. मेले में चिमटा खरीदने से पहले हामिद के मन में कौन-कौन से विचार आये? वर्णन कीजिए ।
उत्तर – मेले में चिमटा खरीदने से पहले खिलौने खरीदने तथा मिठाई खाने के विचार आए, लेकिन उसके पास तीन पैसे ही थे, इसलिए इन चीजों को खरीदने का विचार छोड़कर वह लोहे की दूकान पर गया। वहाँ चिमटे देख उसे ख्याल आया कि दादी के चिमटा नहीं है। तवे से रोटियाँ उतारते समय हाथ जल जाता है। अगर वह चिमटा ले जाकर दादी को देता है तो वह काफी प्रसन्न होगी और तब उसकी उँगलियाँ नहीं जलेंगी । खिलौने से क्या फायदा। व्यर्थ में पैसे खराब होते हैं ।
प्रश्न 5. हामिद ने चिमटे को किन-किन रूपों में उपयोग करने की बात कही है ?
उत्तर – हामिद ने चिमटे को बंदूक, मंजीरे, बहादुर शेर के रूप में उपयोग करने की बात कही। जैसे—कंधे पर रखो तो बंदूक हो गई। हाथ में लिया तो फकीरों का चिमटा हो गया। यह मंजीरा के काम भी आ सकता है
प्रश्न 6. ईदगाह कहानी आपको कैसी लगती है? इसको मुख्य विशेषता बताइए ।
उत्तर – ‘ईदगाह’ कहानी मुझे अच्छी लगती है, इसके कई कारण हैं। सर्वप्रथम इस कहानी का सम्पूर्ण वातावरण या परिवेश हमारे सामान्य जीवन के परिवेश से जुड़ा हुआ । अतः इसके साथ हमारा आत्मिक सम्बन्ध स्वाभाविक है। दूसरा कारण है कि यह कहानी बाल-मनोविज्ञान पर आधारित है । इसमें बाल मन की प्रवृत्तियों का सटीक चित्रण किया गया है। कहानी में बाल-पात्रों का चित्रण अनुकरणीय है। इस कहानी की भाषा- शैली की सहजता और बोधगम्यता भी इसके अच्छा लगने का एक कारण है
‘ईदगाह’ कहानी की प्रमुख विशेषताएँ हैं
(i) इस कहानी में बाल–मनोविज्ञान का सूक्ष्म निरीक्षण किया गया है। (ii) इस कहानी में आदर्श और यथार्थ का पूर्ण समन्वय हुआ है। (iii) इस कहानी का आधार मानवीय है। (iv) इस कहानी में वर्णन – कौशल की रोचकता है। (iv) इस कहानी का हमारे व्यावहारिक जीवन के साथ सीधा सम्बन्ध है । (v) यह कहानी सार्थक, उपयुक्त और प्रभावपूर्ण है।
प्रश्न 7. चिमटा देखकर अमीना के मन में कैसा भाव जगा ?
उत्तर – चिमटा देखकर अमीना के मन में क्रोध तथा स्नेह, दोनों भाव जगे। उसने छाती पीटकर कहा कि तुम बेसमझ लड़का है, क्योकि तुमने कुछ खाया पिया नहीं । लेकिन हामिद की बात सुनकर उसका क्रोध स्नेह में बदल गया कि “तुम्हारी उँगली तवे से जल जाती है, इसलिए मैंने चिमटा लिया ।” उसका मन गद्गद् हो गया कि बच्चे में कितना त्याग़, सद्भाव और विवेक है।
प्रश्न 8. ईदगाह कहानी की प्रमुख विशेषताएँ बताइए ।
उत्तर – ‘ईदगाह’ मानवीय धरातल पर आधारित एक यथार्थवादी कहानी है। सम्पूर्ण समाज का प्रतिनिधित्व करनेवाली यह कहानी धार्मिक न होकर मानवीय है। पूरी कहानी का वातावरण बड़ा ही सघन है। कहानीकार ने बाल मनोविज्ञान का सूक्ष्म निरीक्षण किया है। कहानी में कहीं भी गंभीर कौतूहल नहीं है । कहानी के अन्तिम अनुच्छेद का यह वाक्य “बच्चे ने बूढ़े हामिद का पाठ खेला था” इसके आधार – बिन्दु को समझने की कुंजी है । एक छोटे–से बालक का बड़े–बूढ़ों जैसा व्यवहार और विवेक उसकी गरीबी ने उत्पन्न किया था । प्रस्तुत कहानी की भाषा सरल, सुबोध एवं पात्रोचित है। मुहावरों की भरमार ने कहानी को और भी रोचक बना दिया है ।
प्रश्न 9. निम्नलिखित अनुच्छेद को पढ़िए और उसके आधार पर दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
नमाज खत्म हुई। लोग आपस में गले मिल रहे हैं । तब मिठाई और खिलौने की दुकानों पर धावा होता है। तरह-तरह के खिलौने हैं– सिपाही, गुजरिया, राजा और वकील, भिश्ती, धोबिन और साधु । महमूद सिपाही लेता है, खाकी वर्दी और लाल पगड़ी वाला, कंधे पर बंदूक रखे हुए। मोहसिन को भिश्ती पसंद आया। कमर पर मशक रखे । नूरे को वकील से प्रेम है । काला चोंगा, नीचे सफेद अचकन, एक हाथ में कानून का पोथा लिए हुए। सब दो-दो पैसे के खिलौने हैं। हामिद के पास कुल तीन पैसे हैं, इतने महँगे खिलौने वह कैसे ले ? कहीं हाथ से छूट गया, तो चूर-चूर हो जाएगा, पानी पड़ा तो सारा रंग धुल जाएगा। ऐसे खिलौने लेकर वह क्या करेगा ?
(क) नमाज खत्म होने के बाद लोग क्या कर रहे थे?
(ख) दुकानों में किस–किस तरह के खिलौने थे ?
(ग) वे खिलौने किस चीज के बने थे ?
(घ) महमूद, मोहसिन और नूरे ने कौन–कौन से खिलौने खरीदे ?
(ङ) परिच्छेद में सिपाही, भिश्ती और वकील के हुलिये का वर्णन किया गया है। इसी प्रकार आप राजा और साधु के हुलिये का वर्णन कीजिए ।
(च) अनुच्छेद में आए विशेषण शब्दों को छाँटकर लिखिए ।
(छ) ‘वर्दी’ और ‘पोथा’ के समानार्थी लिखिए ।
उत्तर :
(क) नमाज खत्म होने के बाद लोग आपस में गले मिल रहे थे ।
(ख) दुकानों में तरह–तरह के खिलौने थे, जैसे– सिपाही, गुजरिया, राजा, वकील, भिश्ती, धोबिन और साधु ।
(ग) वे खिलौने मिट्टी के बने थे।
(घ) महमूद ने सिपाही, मोहसिन ने भिश्ती तथा नूरे ने वकील खिलौने खरीदे ।
(ङ) अन्य को राजा पसंद आया । सिर पर मुकुट पहने सिंहासन पर बैठा तो किसी और को जटाधारी साधु, हाथ में चिमटा लिए हुए ।
(च) खाकी, लाल, काला, सफेद, महंगे ।
(छ) वर्दी–पोशाक, पोथा–पुस्तक । !
पाठ से आगे :
प्रश्न 1. महमूढं, मोहसिन, नूर और हामिद में किसका चरित्र अच्छा लगा ? कारण बताइए ।
उत्तर – महमूद, मोहसिन, नूर और हामिद में हामिद का चरित्र अच्छा लगा, क्योंकि वह निर्लोभी, उदार तथा दृढ़ निश्चयी है। वह अन्य बालकों को खाते–पीते देखकर दुःखी नहीं होता। मोहसिन, महमूद तथा नूरे उसकी मजबूरी का मजाक उड़ाते हैं, लेकिन वह अधीर नहीं होता। वह अपने तीन पैसे से दादी के लिए चिमटा खरीद लेता है, क्योंकि उसे ध्यान आता है कि रोटियाँ सेकते समय उसकी दादी की उँगलियाँ जल जाती हैं। वह लोभी नहीं है। भूखे रह जाता है, लेकिन किसीसे कुछ माँगता नहीं । इन्हीं कारणों से हामिद का चरित्र हमें अच्छा लगा ।
प्रश्न 2. क्या हामिद बच्चों की सामान्य छवि से अलग हटकर एक नयी छवि प्रस्तुत करता है? कैसे ?
उत्तर – ‘ईदगाह’ कहानी का मुख्य पात्र हामिद चार-पाँच वर्ष का एक छोटा बच्चा है। वह एक भोला-भाला सहज मासूम बालक है। उसके माता-पिता मर चुके हैं। पर, इस सत्य से वह सर्वथा अनभिज्ञ है । वह इस बात से प्रसन्न है कि उसके अब्बाजान रुपये कमाने गए हैं और अम्मीजान अल्ला मियाँ के घर से अच्छी-अच्छी चीजें लाने गई हैं उसे इस बात की चिन्ता नहीं कि उसके पाँव में जूते नहीं, उसकी पुरानी टोपी का गोटा काला पड़ गया है। उसमें बालकोचित उमंग और उत्साह के साथ बालसुलभ जिज्ञासा भी है। ईदगाह मेला जाने के क्रम में उसका उत्साह देखते ही बनता है। मेले में मिठाइयों की ढेर देखकर वह जिज्ञासा प्रकट करता है कि इन सारी मिठाइयों को कौन खरीदता होगा? उसमें प्रबल वाक्- कला और तर्क शक्ति है। इसी शक्ति के कारण वह अपने चिमटे को अन्य बच्चों के खिलौनों से बहादुर और श्रेष्ठ सिद्ध करता है। दादी के प्रति उसके हृदय में असीम स्नेह है। तभी तो वह मेले में खिलौने और मिठाइयाँ न खरीदकर चिमटा खरीदता है। निर्धनता से उत्पन्न विवेक ने हामिद को बाल सुलभ इच्छाओं से समझौता करना सिखा दिया है ।
प्रश्न 3. “चुनौती वच्चे को परिपक्व बना देती है।” इस उक्ति की व्याख्या कीजिए ।
उत्तर – प्रस्तुत संदर्भ के माध्यम से कहानीकार ने यह सिद्ध करने का प्रयास किया है कि गरीबी के कारण एक छोटा बालक किस प्रकार वृद्धोचित विवेक का परिचय देता है।
रमजान के पूरे तीस दिन के बाद ईद का त्योहार आया है । गाँव में सर्वत्र उल्लासमय चहलपहल है। बड़े-बूढ़ों से बच्चे अधिक प्रसन्न हैं । उसी गाँव में हामिद नाम का चार- पाँच साल का एक गरीब लड़का है। उसके माँ-बाप मर चुके हैं । बूढ़ी दादी अमीना घोर गरीबी में उसका लालन-पालन करती है। ईद के मेले में जाने के लिए उसे तीन पैसे देती है। अन्य बच्चे खिलौने खरीदते हैं, मिठाइयाँ खाते हैं, किन्तु हामिद तीन पैसे से एक चिमटा खरीद लेता है। क्योंकि रोटियाँ संकते समय उसकी दादी की उँगलियाँ जल जाती हैं। इससे स्पष्ट होता है कि चुनौती बच्चे को परिपक्व बना देती है !
प्रश्न 4. ‘त्योहार हमारे जीवन के अभिन्न अंग हैं।’ इस कथन की व्याख्या कीजिए ।
उत्तर – ‘त्योहार हमारे जीवन के अभिन्न अंग है’ इस कथन के माध्यम से यह बताया गया है कि त्योहार मानव जीवन में खुशी का क्षण होता है। इस खुशी के समय मानव सारे भेदभावों से ऊपर उठकर सहज मानव बन जाता है । ये त्योहार ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, सामयिक तथा पौराणिक गाथाओं पर आधारित हैं जो हमें त्याग, सद्भाव, सहिष्णुता, उल्लास तथा सबसे प्रेम करने की सीख देता है। इन त्योहारों के अवसर पर लोग अपने आस-पास के परिवेश तथा अपने-अपने घरों की सफाई करते हैं, जिससे वातावरण स्वच्छ होता है। हम जानते हैं कि स्वच्छ वातावरण में ही हमारा स्वास्थ्य एवं प्रेम विचार उत्तम होता है। इस प्रकार कुछ त्योहार हमें त्याग करना सिखाता है तो कुछ करना, कुछ अन्याय का विरोध करना सिखाता है तो कुछ खा-पीकर मौज-मस्ती करना । अतः जीवन के हर पड़ाव पर इन त्योहारों का अपना महत्व और आनन्द है ।
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